Lenskart भारत की सबसे तेजी से बढ़ती eyewear कंपनियों में से एक है, और अब यह पब्लिक होने जा रही है। निवेशकों में उत्साह है क्योंकि यह IPO भारत के उपभोक्ता ब्रांड सेक्टर का सबसे बड़ा इश्यू बन सकता है। चलिए जानते हैं फ्रेश इश्यू, OFS और वैल्युएशन के साथ वे 5 अहम बातें जो निवेश से पहले जानना जरूरी हैं।
फ्रेश इश्यू: कंपनी कितनी रकम जुटाएगी?
लेंसकार्ट लगभग ₹2,150 करोड़ का फ्रेश इश्यू ला रही है। इसका उपयोग कंपनी अपने स्टोर्स विस्तार, तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर, और मार्केटिंग में करेगी। Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी मौजूदगी को मजबूत करना चाहती है।
OFS (Offer for Sale): कौन बेच रहा है अपने शेयर?
IPO में सिर्फ नई इक्विटी नहीं होगी, बल्कि मौजूदा निवेशक भी अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे। कंपनी के प्रमुख निवेशक जैसे SoftBank, TPG, Temasek और कुछ शुरुआती बैकर्स अपने हिस्से का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं। इस Offer for Sale (OFS) के तहत करीब 13.2 करोड़ शेयर की बिक्री की जाएगी। LiveMint ने बताया कि इस कदम से लिक्विडिटी बढ़ेगी, लेकिन इससे यह भी संकेत मिलता है कि शुरुआती निवेशक अब आंशिक रूप से कैश-आउट कर रहे हैं।
वैल्युएशन का पूरा गणित
लेंसकार्ट का वैल्युएशन IPO के समय बेहद चर्चित विषय है। Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, Fidelity ने हाल ही में इसका वैल्युएशन $6.1 बिलियन आँका है। वहीं Reuters के मुताबिक कंपनी लगभग $8 बिलियन (₹70,000 करोड़) वैल्युएशन पर पब्लिक ऑफरिंग की तैयारी कर रही है। अगर यह आंकड़ा कायम रहता है, तो यह भारत की रिटेल कैटेगरी के सबसे बड़े IPO में से एक होगा।
निवेशकों को किन जोखिमों पर ध्यान देना चाहिए?
उच्च वैल्युएशन हमेशा सफलता की गारंटी नहीं होती। Lenskart का बिज़नेस मॉडल पूंजी-गहन है और उसे नए स्टोर्स व टेक्नोलॉजी पर बड़ा खर्च करना होगा। इसके अलावा, eyewear मार्केट में Titan Eye+, Specsavers, Nykaa Eyewear जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा है। अगर कंपनी अनुमानित ग्रोथ हासिल नहीं कर पाती, तो लिस्टिंग के बाद शेयरों में अस्थिरता देखी जा सकती है।
निवेश से पहले जानें ये 5 अहम बातें
- 👉 प्राइस बैंड: ₹382–₹402 प्रति शेयर (संभावित)।
- 👉 लिस्टिंग: NSE और BSE पर, नवंबर 2025 के पहले हफ्ते में उम्मीद।
- 👉 कंपनी का राजस्व: FY25 में ~₹6,650 करोड़, पिछले वर्ष की तुलना में 26% की वृद्धि।
- 👉 नेट प्रॉफिट: अभी भी सीमित, लेकिन EBITDA सकारात्मक है।
- 👉 लंबी अवधि का दृष्टिकोण: कंपनी ने भारत के साथ मिडिल ईस्ट और साउथ-ईस्ट एशिया में भी विस्तार शुरू किया है।
निष्कर्ष
Lenskart का IPO भारतीय स्टार्टअप ईकोसिस्टम के लिए एक बड़ा माइलस्टोन माना जा रहा है। अगर कंपनी अपने ग्रोथ प्लान्स को सफलतापूर्वक लागू करती है तो यह निवेशकों के लिए लंबी अवधि में लाभकारी साबित हो सकती है। हालाँकि, वर्तमान उच्च वैल्युएशन और उद्योग प्रतिस्पर्धा को देखते हुए संतुलित निवेश रणनीति अपनाना ज़रूरी है।
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह किसी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। IPO में भाग लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और स्वयं रिसर्च करें।
स्रोत: Reuters, Moneycontrol, LiveMint, Economic Times, Business Standard
