भारतीय शेयर बाजार ने इस हफ्ते शानदार तेजी दिखाई है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों रिकॉर्ड के करीब पहुंच गए हैं। यह तेजी अचानक नहीं आई, बल्कि इसके पीछे कई मजबूत कारण हैं। आइए जानते हैं वे तीन प्रमुख फैक्टर जिनसे शेयर बाजार में यह जबरदस्त रफ्तार आई है।
1️⃣ वैश्विक माहौल में सुधार
सबसे बड़ा कारण है वैश्विक आर्थिक संकेतों में सुधार। अमेरिका में महंगाई के आंकड़ों में गिरावट आने के बाद Federal Reserve द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ी हैं। इस कदम से उभरते बाजारों (Emerging Markets) में निवेश का प्रवाह बढ़ा है। Economic Times के अनुसार, अमेरिकी बाजारों में आई स्थिरता ने भारतीय इक्विटी मार्केट को मजबूत आधार दिया है।
2️⃣ घरेलू आर्थिक संकेतों का दमदार प्रदर्शन
त्योहारी सीजन में खपत में बढ़ोतरी, मजबूत GDP डेटा और बैंकिंग सेक्टर के उत्कृष्ट तिमाही नतीजों ने बाजार में विश्वास को बढ़ाया है। India Today की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक ग्रोथ फिलहाल दुनिया में सबसे तेज़ है, और यह विदेशी निवेशकों के लिए बड़ा आकर्षण बनी हुई है।
इसके साथ ही, घरेलू निवेशक भी लगातार SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए मार्केट में निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे सेंसेक्स को अतिरिक्त स्थिरता मिली है।
3️⃣ विदेशी निवेश और रुपये की मजबूती
पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार में अच्छी खरीदारी की है। Times of India के अनुसार, रुपये की मजबूती और भारत की राजनीतिक स्थिरता ने विदेशी निवेशकों का विश्वास मजबूत किया है। इससे बैंकिंग, IT और ऑटो सेक्टर के शेयरों में जोरदार तेजी आई है।
📈 क्या यह रफ्तार आगे भी जारी रहेगी?
मौजूदा रैली में निवेशकों का भरोसा दिखता है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, वैल्यूएशन अब थोड़ा ऊंचा हो चुका है। इसलिए निकट भविष्य में कुछ profit booking देखने को मिल सकती है। फिर भी, लंबी अवधि में भारतीय बाजार की फंडामेंटल स्टोरी अब भी बेहद मजबूत है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- अगर आप बाजार में नए हैं, तो पहले शेयर मार्केट कैसे सीखें वाला लेख जरूर पढ़ें।
- अच्छे स्टॉक्स चुनने के लिए Fundamental Analysis Guide आपके लिए मददगार होगा।
- निवेश के लिए भरोसेमंद ऐप्स की जानकारी हेतु Best Share Market Apps भी पढ़ें।
निष्कर्ष
शेयर बाजार की यह रैली तीन मुख्य स्तंभों पर टिकी है — वैश्विक संकेतों में सुधार, घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती और विदेशी निवेश का बढ़ना। अगर ये कारक बने रहते हैं, तो सेंसेक्स आने वाले महीनों में नए रिकॉर्ड बना सकता है। हालाँकि, अल्पकालिक उतार-चढ़ाव हमेशा संभव हैं, इसलिए निवेशकों को अनुशासित रहकर दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। इसे निवेश सलाह के रूप में न लें। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

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